झाँसी(अभिषेक तिवारी)। नगर निगम झांसी वैसे भी किसी न किसी कार्य को लेकर हमेशा चर्चाओ में बना रहता है बात चाहे साफ-सफाई की हो या फिर सफाई हवलदारों के ट्रांसफर की, तिरंगा लाइट की हो या फिर सेनेटाइजर की,नगर निगम की जमीनों पर अवैध कब्जे की हो या फिर पार्षदजनो के क्षेत्र में कार्यो की। पार्षद राजेश त्रिपाठी ने नगर निगम के उपसभापति के रूप में जब से पदभार सम्भाला तभी से नगर निगम में पूर्व में हुए भ्रष्टाचार को भी उजागर करने का काम किया। इसी क्रम में आज भी अपने लेटर के माध्यम से उपसभापति राजेश त्रिपाठी ने पत्रकारों को अवगत कराया कि नगर निगम ने हाल ही में टचलैस हैंड सैनिटाइजर डिस्पेंसर के लिए जैम पोर्टल के जरिए निविदा आमंत्रित की गई थी। जिसमें एक ही कंपनी के मेक एंड मॉडल को दिखाया गया है। टेंडर में पीएसी (प्रॉपर्टी आर्टिकल सर्टिफिकेट) मांगा गया है। इसके चलते अन्य कंपनियां हैंड सैनिटाइजर के लिए आवेदन ही नहीं कर सकतीं। जबकि शासन की मंशा थी कि जैम पोर्टल द्वारा खरीद पीएसी द्वारा न कि जाए ताकि टेंडर में ज्यादा से ज्यादा कंपनियां प्रतिभाग कर सके।
जिससे अच्छी गुणवत्ता व उचित मूल्य में सामग्री खरीदी जा सके, लेकिन नगर निगम द्वारा ऐसा नही किया गया। वहीं एलईडी लाइट की खरीद के लिए निकाले गए टेंडर में भी यही शर्तें लगाई गई हैं। जबकि साल 2018-19 में भी ऐसा ही किया गया था। इसके साथ ही सिक्योरिटी गार्ड के लिए मैन पावर सर्विस कैटेगरी में आवेदन मांगे गए हैं। जिसमें तीन साल अवधि तक कार्य करने का उल्लेख किया गया है। उपसभापति राजेश त्रिपाठी ने बताया कि मैन पावर सर्विस में निविदा दाता का कोई अनुभव और किसी विशेष शर्त का जिक्र नहीं किया गया। पीएसी के जरिए खरीद करने से साफ है कि निगम के अधिकारी एक ही कंपनी से सेवाएं और उत्पाद खरीदकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना चाह रहे हैं। उन्होंने मंडलायुक्त और नगर आयुक्त से जैम पोर्टल के जरिए जारी की गई निविदाओं की जांच कराने और दस्तावेज उपलब्ध कराने की मांग की है। इसे लेकर निगम अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।
Published By: Pooja Saini