भारतीय ड्रग्स एसोसिएशन गुजरात के चेयरमैन विरंची शाह ने दावा किया है कि देश में हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्विन की कोई कमी नहीं है। हर महीने करीब 35 से 40 करोड़ गोलियों का उत्पादन हो रहा है। शाह ने एक साक्षात्कार में कहा, हम हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्विन की जितनी गोलियाें का उत्पादन कर रहे हैं वह हमारी जरूरत का 10 गुना है।
उन्होंने बताया, दुनिया में हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्विन के कुल उत्पादन का 70 फीसदी सिर्फ भारत में होता है। इस दवा का इस्तेमाल मूल रूप से मलेरिया और अर्थराइटिस के कुछ मामलों में किया जाता है। शाह ने बताया कि पिछले साल भारत में करीब 2.4 करोड़ गोरियों की खपत हुई थी। इस हिसाब से हमारे पास हर महीने जरूरत से 10 गुणा अधिक उत्पादन हो रहा है। शाह ने कहा, हम इस वक्त दूसरे जरूरतमंद देशों को भी हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्विन दे सकते हैं। इसके अलावा सरकार ने करीब दस करोड़ गोलियों का एक बफर स्टॉक रखा है जो लगभग 20 लाख कोरोना मरीजों के लिए पर्याप्त होगी।
देश में हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्विन का बंपर स्टॉक, जरूरत से 10 गुना ज्यादा है भंडार
