ज्यादा तनाव से ब्रेन स्ट्रोक का खतरा
(ब्यूरो):आज-कल हर कोई किसी ना किसी तरह से मानसिक तनाव से गुजर रहा है। कोरोना काल में यह समस्या और ज्यादा बढ़ी है। महामारी के कारण किसी की नौकरी छूट गई है, तो किसी का व्यापार बंद हो गया है। ऐसे में स्ट्रोक ब्रेन अटैक (दिमाग में आघात) होने का जोखिम और अधिक होता है। विश्व स्ट्रोक संगठन के अनुसार लोगों को स्ट्रोक का खतरा हर चार में से एक व्यक्ति को होता है। विश्व स्ट्रोक संगठन के आंकड़ों पर नज़र डालें तो पूरी दुनिया में हर वर्ष लगभग 1.70 करोड़ लोग स्ट्रोक्स की समस्या का सामना करते हैं, जिसमें से 60 लाख लोगों की मौत हो जाती है। जबकि 50 लाख लोग स्थायी रूप से विकलांग हो जाते हैं।
दुनिया में होने वाली मौतों में स्ट्रोक दूसरा प्रमुख कारण है, जबकि विकलांगता होने का यह तीसरा प्रमुख कारण है। इतना गंभीर होने के बाबजूद भी कम से कम आधे से अधिक स्ट्रोक्स को लोगों में पर्याप्त जागरूकता पैदा कर रोका जा सकता है। किसी भी समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर में आप नियमित जांच करवा सकते हैं।
कैसे किया जा सकता है बचाव
उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करें- स्ट्रोक्स केलगभग आधे से ज़्यादा मामले उच्च रक्तचाप से जुड़ें होते हैं। इसलिए स्वस्थ जीवन शैली अपनाकरउच्च रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है।
सप्ताह में पांच बार व्यायाम – स्ट्रोक्स के एक तिहाई से अधिक मामले उन लोगों में होते हैं, जो कि नियमित रूप से व्यायाम नहीं करते हैं। इसलिए सप्ताह में पांच बार 20 से 30 मिनट व्यायाम करना चाहिए।
संतुलित आहार – लगभग एक चौथाई स्ट्रोक्स के मामलेअसंतुलित आहार विशेषकर फलों एवं सब्जियों के कम सेवन करने से जुड़े होते हैं। इसलिए खाने में फल एवं सब्जियों को भी संतुलित मात्रा में सेवन करना चाहिए साथ ही स्ट्रोक्स का ज़ोखिम कम करने के लिए नमक का सेवन कम करना चाहिए।
वज़न को नियंत्रित रखें- लगभग 5 में से 1 स्ट्रोक मोटापे से जुड़ा होता है। इसलिए व्यायाम एवं उचित खानपान के माध्यम से वज़न को नियंत्रित रखना चाहिए। चार में से एक से ज़्यादा स्ट्रोक के मामले उच्च कोलेस्ट्रॉल से जुड़े होते हैं। इसलिए कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के बारे में अपने चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।
नशा से दूरी- धूम्रपान और किसी भी तरह के नशा को रोकने से स्ट्रोक का ज़ोखिम कम होता है। इसलिए धूम्रपान से दूरी बनाकर रखना चाहिए। प्रतिवर्ष एक मिलियन से अधिक स्ट्रोक अत्यधिक अल्कोहल के सेवन से जुड़े हैं। इसलिए अल्कोहल का सेवन कम करने से स्ट्रोक के ज़ोखिम को कम करने में मदद मिलती है।
शुगर को भी नियंत्रित रखें- मधुमेह को नियंत्रित करके स्ट्रोक्स का जोखिम कम किया जा सकता है क्योंकि मधुमेह से स्ट्रोक का ज़ोखिम बढ़ जाता है। यदि आप मधुमेह से पीड़ित है, तो मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए उपचार और जीवन शैली बदलाव के बारे में अपने चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
स्ट्रोक ब्रेन अटैक का मुख्य कारण है, मानसिक तनाव। स्वस्थ तन के साथ मन को भी स्वस्थ रखना जरूरी है। लोग इसके लिए जगरूक हो। किसी तरह की दिक्कत पर सभी स्वास्थ्य केंद्र और सरकारी अस्पतालों में निश्शुल्क जांच और इलाज की सुविधा है।
ज्यादा तनाव से ब्रेन स्ट्रोक का खतरा
