उपमंडलीय अस्पताल जोगेंद्रनगर में उपचार के लिए पहुंच रहे मरीजों को अस्पताल के लचर प्रबंधन का शिकार होने पड़ रहा है। अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों के अभाव के बाद अब मरीजों को सरकार द्वारा मिलने वाली नि:शुल्क एंबुलेंस सुविधा से भी महरूम कर दिया है। जबकि अस्पताल में मरीजों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से मिलने वाली नि:शुल्क दवाओं का अभाव अरसे से बना हुआ है। जोगेंद्रनगर अस्पताल में बीते एक माह से अधिक के समय से 102 एंबुलेंस सुविधा ठप पड़ी हुई है। इससे अस्पताल पहुंच रही गर्भवती महिलाओं और उनके नवजात शिशुओं के लिए बड़ी समस्या बन चुकी है।
अस्पताल में प्रसव के लिए गर्भवती महिलाओं को 108 एंबुलेंस के माध्यम से तो पहुंचाया जा रहा है,लेकिन प्रसव के बाद उन्हें घर पहुंचने के लिए अस्पताल में कोई भी सुविधा मौजूदा समय में उपलब्ध नहीं है।
अस्पताल में अल्ट्रासाउंड और ईसीजी नहीं
करीब एक लाख की आबादी पर निर्भर नागरिक अस्पताल जोगेंद्रनगर में अल्ट्रासाउंड और ईसीजी की सुविधाओं का लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। रोजाना डेढ़ सौ से अधिक मरीजों की ओपीडी वाले इस अस्पताल में ब्लड बैंक पर भी ताला लटका दिया है। स्मारिक दृष्टि से अहम माने जाने वाले इस अस्पताल में रोजाना सड़क दुर्घटनाओं से घायल मरीजों की भी आवाजाही होती है।
मामला मेरे ध्यान में नहीं है। अगर ऐसा है तो स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को सूचित कर अस्पताल में तुरंत 102 एंबुलेंस सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए कहा जाएगा। अन्य प्रमुख समस्याओं पर रोगी कल्याण समिति की बैठक में प्रमुखता से उठाकर उचित निदान किया जाएगा।
-अमित मेहरा, एसडीएम एवं अध्यक्ष रोगी कल्याण समिति जोगेंद्रनगर।
अस्पताल में 102 एंबुलेंस को मरम्मत और पासिग के चलते मंडी जिला में भेजना पड़ा था। 102 एंबुलेंस को गर्भवती महिलाओं की सुविधा के लिए जल्द शुरू करने के लिए कंपनी के उच्चाधिकारियों को बता दिया है।
-मुकेश कुमार, ईएमटी एवं अध्यक्ष 108 एंबुलेंस एसोसिएशन जोगेंद्रनगर।