वृद्धा के शव को सुपुर्द-ए-खाक करने को लेकर मथुरापुर गांव में एक समुदाय के दो पक्षों में विवाद हो गया।
बरेली,भारत 9: वृद्धा के शव को सुपुर्द-ए-खाक करने को लेकर मथुरापुर गांव में एक समुदाय के दो पक्षों में विवाद हो गया। गांव में हंगामे की सूचना पर भारी पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गया। दोनों पक्षों में बातचीत कराकर उन्हें शांत कराया गया। तब तक जनाजा दफन होने के इंतजार में रखा रहा।
मथुरापुर में रहने वाले लियाकत की 70 वर्षीय मां का बीमारी के चलते मंगलवार रात निधन हो गया था। बुधवार सुबह लियाकत और उनके परिजन समेत अन्य नवी नगर नई बस्ती के लोग जब कब्रिस्तान में शव को दफन करने पहुंचे तो मकसूद,फहीम, नाजिम, वकील अहमद, आरिफ, लियाकत, हसनैन समेत दर्जनों लोगों विरोध शुरू कर दिया।
उनका कहना था कि नई बस्ती में रहने वाले लोग इस कब्रिस्तान में शव दफन नहीं करेंगे। जबकि जनाजा लेकर जाने वालों का कहना था कि वे दशकों से यहां रह रहे हैं तो शव दफनाने कहां जाएं। इस पर दोनों पक्षों में विवाद हो गया। हंगामे की सूचना पर थाने से भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंच गया।
दोनों पक्षों में बातचीत कर शव को पुराने कब्रिस्तान में ही दफन कराया गया। इंस्पेक्टर सीबीगंज बच्चू सिंह ने बताया कि हंगामे की सूचना पर गांव पहुंचे थे। दोनों पक्षों में बातचीत कराकर मामला हल करा दिया गया है।
हम लोग मथुरापुर की नवी नगर नई बस्ती में रहते हैं। हमारे यहां कोई भी कब्रिस्तान नहीं बना है। इस वजह से शव दफनाने के लिए पुरानी आबादी के कब्रिस्तान जाते हैं।
मथुरापुर स्थित कब्रिस्तान में कब्र बनाने के लिए कम जगह बची है। जिस वजह से नई बस्ती के लोगों को यहां आने से मना किया जाता है।