लखनऊ (Bharat9): अंग्रेजों के जमाने से इस्तेमाल की जा रही प्वॉइंट थ्री नॉट थ्री रायफल पुलिस विभाग से बाहर हो गई है। इस रायफल के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। राजधानी में पुलिस लाइन्स के शस्त्रागार में थानों से यह रायफल जमा होने लगी है। वर्ष 2016 में कैग की ओर से किए गए सर्वे में यह जानकारी हुई थी कि प्रदेश में कुल एक लाख 22 हजार असलहे पुलिस के पास हैं। इनमें थ्री नॉट थ्री बोर के 58 हजार 853 असलहे शामिल हैं।
खास बात यह है कि फरवरी 1995 में इस असलहे को अप्रचलित घोषित कर दिया गया था। बावजूद इसके पुलिसकर्मी इसका इस्तेमाल कर रहे थे। सर्वे में सामने आया था कि यूपी के 48 फीसद पुलिसकर्मी अभी भी इसे लेकर चलते हैं। कैग ने कुल 15 जिलों में सर्वे किया था, जिनमें राजधानी भी शामिल है। कैग ने कुशीनगर, देवरिया, प्रयागराज, प्रतापगढ़, सीतापुर, गाजियाबाद, मुरादाबाद, मथुरा, झांसी, कानपुर नगर, मेरठ, शाहजहांपुर, आगरा और सोनभद्र जिले में निरीक्षण किया था। इन जिलों में सिर्फ मुरादाबाद में ही थ्री नॉट थ्री रायफल का इस्तेमाल होता नहीं पाया गया। बताया गया कि इस रायफल का इस्तेमाल सबसे पहले प्रथम विश्व युद्ध में किया गया था और तब से यह प्रचलन में थी।
अब दिखेगी इंसास
पुलिसकर्मियों को थ्री नॉट थ्री रायफल से मुक्ति मिल गई है। इसके बदले में उन्हें अब इंसास दी जा रही है। थ्री नॉट थ्री की लंबाई ज्यादा होने की वजह से भी पुलिसकर्मियों को दिक्कत होती थी। इस रायफल की लंबाई 44.5 इंच है, जिसमें बैरल की लंबाई 25 इंच होती है। वहीं इंसास की लंबाई तकरीबन 37.8 इंच है। इसके बैरल की लंबाई 18.3 इंच होती है।
अब यह
63 हजार नई इंसास रायफल मिलीं
23 हजार एसएलआर रायफल भी दीं
400 मीटर है इंसास की मारक क्षमता
मंगवाए जा रहे असलहे
एसएसपी कलानिधि नैथानी के मुताबिक, ग्रामीण क्षेत्रों के कुछ थानों में थ्री नॉट थ्री का इसका इस्तेमाल होता था। सभी थानेदारों को थ्री नॉट थ्री रायफल पुलिस लाइन में जमा कराने के निर्देश दिए गए हैं। इस असलहे के पूर्ण रूप से प्रतिबंध के बावजूद अगर कोई पुलिसकर्मी इस्तेमाल करता मिलेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
नंबर गेम
1.22 लाख कुल असलहा उप्र पुलिस के पास
58,853 रायफल थ्री नॉट थ्री रायफल थीं
1995 फरवरी से थ्री नॉट थ्री को चलने से किया बाहर
14 जिलों की पुलिस फिर भी कर रही थी प्रयोग
16,700 रायफल का इस्तेमाल था चलन में
2016 में कैग ने सर्वे कर जुटाई थी जानकारी
48 फीसद पुलिसकर्मी प्रदेश में प्रयोग करते मिले
1945 में पहली बार उप्र पुलिस के हाथों में आई