मध्यप्रदेश में इस बार सार्वजनिक रूप से नहीं मनाएंगे छठ पूजा पर्व!
इंदौर (ब्यूरो)-: कोरोना के चलते इसबार सूर्य उपासना का चार दिनी छठ पर्व सार्वजनिक रूप से नहीं मनाया जाएगा। इस बार शहरहित को ध्यान में रखते हुए पूर्वोत्तर वासियों ने सार्वजनिक जलकुंड, तालब, कृत्रिम घाट बनाकर सूर्य को अर्घ्य नहीं देने का निर्णय लिया है। इसके साथ छठ पूजा के सार्वजनिक आयोजन भी नहीं होंगे। इस बार चार दिनी पर्व की शुरुआत 18 नवंबर को होगी। पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन 19 नवंबर को खरना, 20 नंवबर को अस्त होते सूर्य को अर्घ्य और 21 नवंबर उगते सूरज को अर्घ्य दिया जाएगा।
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पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर जगदीश सिंह व महासचिव के झा और सचिव अजय कुमार झा ने कहा कि हर वर्ष घाटों पर सैकड़ों व्रतधारी जुटते है। शहर में 80 स्थानों पर छठ पूजन के आयोजन होते हैं लेकिन वर्तमान में कोरोना महामारी से संक्रमण का खतरे को ध्यान में रखते हुए सामूहिक आयोजन नहीं करने का निर्णय लिया है। सरकार द्वारा धार्मिक आयोजनों के लिए जारी गाइड लाइन छठ महापर्व को सार्वजनिक रूप से बड़े पैमाने पर मनाए जाने के अनुकूल नहीं है। इसके चलते इस वर्ष पूर्वोत्तर समाज के लोगों द्वारा आपसी सहमति से छठ पूजा सार्वजनिक कृत्रिम घाटों पर नहीं मनाते हुए घर पर मनाने का निर्णय लिया गया है।