पंडित जसराज के नाम पर हुआ है ग्रहण का नामकरण !
चंडीगढ़ (ब्यूरो) :- पंडित जसराज जी सरीखे सुरों के देवता का पृथ्वी पर आगमन हमारे समय की सबसे बड़ी उपलब्धि थी… और उनका जाना या विदाई कभी शोक से नहीं की जा सकती। वे एक हंसते हुए सूर्य थे और अब वो हमारे साथ नहीं है…वो हमेशा ही सभी के लिए प्रेरणा रहे है… दरअसल वह सुरों के संत थे या कहें सुरीले संत थे, रागों के रसिया और भारतीय संगीत के गायक-नायक। बॉलीवुड और उनका काफी लंबा साथ था…पंडित जी नए कलाकारों के लिए एक प्रेरणा थे… पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वायजेपी भी उनके बड़े प्रशसक थे… उनके निधन पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन को काफी शत्ति बताया है…
एक हंसता हुआ सूर्य अस्त हो गया, नहीं रहे पंडित जसराज
