– प्रदेश के लिए कोरोना काल में आबकारी विभाग ने 263 करोड़ अधिक जुटाए – डिप्टी सीएम
– एक्साइज डिपार्टमेंट ने एडिशनल ड्यूटी कलेक्शन में बनाया नया रिकॉर्ड
– आबकारी विभाग का पहली तिमाही का राजस्व 2142 करोड़ से बढ़कर हुआ 2405 करोड़ रुपये
चंडीगढ़ (ब्यूरो) :- हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने विपक्ष द्वारा प्रचारित कथित शराब घोटाले की पोल खोलकर रख दी। आंकड़ों एवं तथ्यों का सिलसिलेवार ब्यौरा देते हुए डिप्टी सीएम ने बताया कि कोरोना काल में आबकारी विभाग ने रिकॉर्ड क्लेक्शन किया है। उन्होंने कहा कि सरकार को चूना लगाने की बात करने वाले अब यह बताएं कि हरियाणा गठन से आजतक पहली तिमाही में इतना रिकॉर्ड तोड़ राजस्व नहीं आया जितना कि कोरोना काल में आया है तो फिर घोटाला कहां हुआ। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला वीरवार को यहां हरियाणा निवास में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उपमुख्यमंत्री (जिनके पास आबकारी एवं काराधान विभाग भी है) ने बताया कि हरियाणा के आबकारी विभाग ने एक्साइज ड्यूटी कलेक्शन में नया रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन व कोरोना संक्रमण की वजह न तो परिवहन व्यवस्था थी, न ही होटल-मॉल खुल रहे और न ही मल्टीनेशनल कंपनियों में काम हो रहा है।
यह एक्साइज ड्यूटी पिछले वर्ष की प्रथम तिमाही के मुकाबले 2700 गुणा अधिक है जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। 2019-20 के दौरान पहली तिमाही में महज 95 हजार 150 रुपये ही एडिशनल एक्साइज ड्यूटी सरकार को मिली थी। ऐसे में 6 मई से लेकर अब तक विभाग ने देसी तथा भारत में निर्मित विदेशी शराब से 27 करोड़ 58 लाख 28 हजार 478 रुपये एडिशनल एक्साइज ड्यूटी के जुटाए। पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल के जबाव में डिप्टी सीएम ने कहा कि डिस्टलरी से निकलने वाली गाड़ियों में भी जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम इंस्टॉल होगा। इसके लिए कमेटी बनाई गई है, जो दूसरे राज्यों का भी अध्ययन कर रही है और इसे जल्द ही लागू किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सीसीटीवी लगने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और सितंबर के अंत तक सभी डिस्टलरी में सीसीटीवी लग जाएंगे। जिन क्षेत्रों में डिस्टलरी है उन जिलों के डीईटीसी को निर्देश दिए गए है कि हर 15 दिन में डिस्टलरी में जाकर कैमरों को चैक करें। डिप्टी सीएम ने बताया कि इलैक्ट्रॉनिक टेम्पर प्रूफ फ्लो मीटर सभी डिस्टलरी में लगाए जा रहे हैं और उम्मीद है कि अगले एक महीने में ये फ्लो मीटर लगा दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान 27 से 31 मार्च तक परमिट व पास जारी करने के मामले में अधिकारियों के खिलाफ जांच बैठाई गई है और जांच पूरी होते ही दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
रिटेल लाइसेंस फीस से मिले 62 करोड़ अधिक :-
आबकारी विभाग में ऐसा भी पहली बार हुआ है जब पहली ही तिमाही में पिछले वर्ष के मुकाबले 62 करोड़ रुपये की अतिरिक्त रिटेल लाइसेंस फीस मिली है। पिछले साल पहली तिमाही में विभाग को 1447 करोड़ 43 लाख 41 हजार 549 रुपये रिटेल लाइसेंस फीस से मिले थे। वहीं इस बार इस अवधि में यह फीस 1509 करोड़ 36 लाख 27 हजार 462 रुपये मिली है। इसी तरह से विभाग को इस बार परमिट फीस भी लगभग 4 करोड़ रुपये अधिक मिली है। पिछले वर्ष पहली तिमाही में परमिट फीस से कुल 62 करोड़ 70 लाख रुपये मिले थे और इस बार 66 करोड़ 39 लाख रुपये मिले हैं।
कोविड-सैस से मिले पौने 75 करोड़:-
डिप्टी सीएम ने बताया कि सरकार ने कोरोना काल के चलते शराब पर ‘कोविड-सैस’ लगाया। कोविड सैस से पहले तीन महीनों में ही एक्साइज विभाग को 74 करोड़ 80 लाख 57 हजार 183 रुपये की कमाई हुई है।