चंडीगढ़ (Bharat 9) डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के लिए उसका पूर्व ड्राइवर खट्टा सिंह एक बार फिर से मुसीबत बनता नजर आ रहा है। खट्टा सिंह ने 25 अगस्त 2017 को पंचकूला में हुई आगजनी व हिंसा के लिए गुरमीत सिंह को आरोपित बनाने के लिए चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत में याचिका लगा दी है।
खट्टा सिंह ने याचिका में कहा है कि 25 अगस्त को सीबीआइ की विशेष अदालत के बाद जो हिंसा हुई है, वह गुरमीत के इशारे पर ही हुई। इतनी बड़ी तादाद में गाडिय़ों को आग लगा दी गई,मीडियाकर्मियों का सामान जला दिया, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। गुरमीत ने अपने समर्थकों को साजिश के तहत पंचकूला में बुलाया था। जब उसे साध्वी यौनशोषण केस में दोषी ठहराया गया तो उसने दंगे करवा दिए,लेकिन गुरमीत का नाम आज तक किसी एफआइआर में नहीं आया।
याचिका में खट्टा सिंह द्वारा सुभाष चंद्र की स्टेटमेंट का हवाला दिया गया है। इसमें उसने कहा था कि डेरा प्रमुख के साथ डॉक्टर आदित्य इंसां और हनीप्रीत मौजूद थे जिसमें डेरा प्रमुख द्वारा इन दोनों को आदेश दिए गए थे कि यदि उसे सजा हुई तो पंचकूला में हिंसा फैला दी जाए। इसके अलावा राकेश उर्फ गुरलीन की डिस्क्लोजर स्टेटमेंट का हवाला देते हुए बताया गया कि राम रहीम ने डॉक्टर आदित्य और हनीप्रीत को हिंसा फैलाने के लिए कहा था। पवन कुमार पूर्व सरपंच की स्टेटमेंट भी याचिका में हवाला दिया गया है।
पंचकूला में हिंसा के बाद पुलिस की ओर से अलग-अलग थानों में 240 केस रजिस्टर्ड किए गए थे। 27 अगस्त 2017 को विभिन्न धाराओं के तहत सेक्टर-5 पुलिस थाने में एफआइआर नंबर 345 में हनीप्रीत और डॉ. आदित्य को मुख्य आरोपित बनाया गया था। इसके अलावा कई अन्य आरोपित थे जिनमेें से अधिकतर गिरफ्तार हो चुके हैं। खट्टा सिंह ने मांग की है कि इस मामले में गुरमीत को आरोपित बनाकर उससे पूछताछ की जाए ताकि पूरे मामले का खुलासा हो सके।