भगवान को प्यारे हो चुके गुरु जी, शिक्षा विभाग लगातार 2 साल तक देता रहा पगार
मृतक शिक्षक को मिल रही पगार
पीलीभीत (प्रांजल गुप्ता) :- यूपी के पीलीभीत जिले से एक रोचक भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है, जिसमें 2 साल पहले भगवान को प्यारे हो चुके गुरु जी को शिक्षा विभाग लगातार 2 साल तक पगार देता रहा। इतना ही नहीं खंड शिक्षा अधिकारी ने भगवान को प्यारे हो चुके गुरुजी के में इंक्रीमेंट भी लगा दिया, जब मामला सामने आया तो विभाग में हड़कंप मच गया, सभी अधिकारी मामले को दबाने में जुट गए, लेकिन मीडिया है कि कहां मानती है, आखिर खोल ही दी भ्रष्टाचार की पोल… वैसे तो उत्तर प्रदेश की सरकार शिक्षा व्यवस्था को लेकर लगातार सजग बनी हुई है लेकिन सरकार के नुमाइंदे ही अपनी लापरवाही से सरकारी कोष को जमकर उड़ा रहे हैं। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जनपद से सामने आया है, जिसमें पीलीभीत की शिक्षा व्यवस्था की पूरी तरह पोल खुल गई, मामला कुछ यूं है कि 2 साल पहले भगवान को प्यारे हो चुके गुरुजी को शिक्षा विभाग 2 साल तक लगातार पगार देता रहा, इतना ही नहीं खंड शिक्षा अधिकारी अपनी कुंभकरण की नींद में मस्त रहे और भगवान को प्यारे हो चुके गुरु जी का इंक्रीमेंट भी लगा दिया, बात जब मीडिया के सामने आई तो विभाग में अफरा-तफरी मच गई सभी अधिकारी मामले को दबाने में लग गए।
हुआ कुछ यूं कि बिलसंडा ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय में अरविंद कुमार ने 5 नवंबर 2015 को अध्यापक कार्य का पद ग्रहण किया और 1 साल बाद 22 मई 2016 को अध्यापक की मौत हो गई, मगर मई 2016 में अध्यापक की मौत के बाद भी शिक्षा विभाग भगवान को प्यारे हो चुके गुरु जी को नवंबर 2018 तक उनका वेतन पहले की तरह देता रहा, इतना ही नहीं खंड शिक्षा अधिकारी ने इंक्रीमेंट भी लगा दिया, जब यह मामला मीडिया में आया तो शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया,मामला मीडिया में तब आया जब मृतक आश्रित की पत्नी वंदना अपनी नियुक्ति के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेंद्र स्वरूप के पास गई, जिस पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेंद्र स्वरूप ने मृतक आश्रित पत्नी वंदना की नियुक्ति से पहले खंड शिक्षा अधिकारी से मृतक अरविंद की सैलरी के संबंधित पूछताछ की, जिसमें सामने आया कि 2016 में मौत के बाद से लगातार अरविंद के नाम पर सैलरी निकलती रही जिस पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेंद्र स्वरूप भड़क उठे जिससे विभाग में हड़कंप मच गया, मामला मीडिया में आया तो अपनी फजीहत बचाने के लिए शिक्षा विभाग के सभी अधिकारी मामले को दबाने में लग गए। जानकारी देते हुए पीलीभीत के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेंद्र स्वरूप ने बताया कि, बिलसंडा ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय में तैनात अरविंद कुमार की मौत 22 मई 2016 को हो गई थी, लेकिन मई से लेकर लगातार 2017 तक सैलरी निकलती रही, पहले पत्र में खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा 2018 तक सैलरी देने की बात सामने आई थी, लेकिन त्रुटि वश हो गया था, उसमें सुधार कर लिया गया, लेकिन 2018 तक की सभी सैलरी का लेखा जोखा लेखाधिकारी से मांगा गया है, साथ ही 2017 तक सैलरी अपने आप निकलना यह बड़ी ही वित्तीय अनियमितता है, जिस पर कार्यवाही निश्चित है, जांच कराई जा रही है इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी
अरे वाह सरकार का ये कैसा कारनामा !
