नई दिल्ली,25दिसम्बर(कमल वधावन) भारतीय खुफिया एजेंसियों ने अयोध्या में आतंकी हमले के खतरे का अलर्ट जारी किया है। पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मसूद अजहर ने भगवान राम की नगरी अयोध्या में जगह-जगह हमले कराने की साजिश रची है। यह जानकारी मिलते ही उत्तर प्रदेश पुलिस ने अयोध्या की सुरक्षा और कड़ी कर दी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अयोध्या में चार महीने में गगनचुंबी राम मंदिर बनाने की घोषणा करने के बाद आतंकी संगठन से जुड़े सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘टेलीग्राम’ पर अजहर मसूद ने अपने आतंकियों से कहा है कि वह भारतीय जमीन पर ‘कुख्यात और जबरदस्त’ हमले करें। जैश सरगना अजहर मसूद ने अपने वीडियो संदेश में अपने साथी आतंकियों को आगाह करते हुए अयोध्या की पावन भूमि में भीषण आतंकी हमला करने को कहा है। इस खुफिया जानकारी से पहले ही देश की सुरक्षा एजेंसियां इस बात से भी चिंतित हैं कि एक महीने पहले ही सात पाकिस्तानी आतंकी नेपाल के रास्ते भारत में घुस चुके हैं। समझा जाता है कि यह आतंकी उत्तर प्रदेश के जिलों जैसे गोरखपुर और अयोध्या में छिपे हुए हैं और पुलिस अब तक इन्हें तलाश नहीं कर पाई है। जैश के इन सात दुर्दात आतंकियों में से पांच की पहचान की जा चुकी है। इनके नाम मुहम्मद याकूब, अबू हमजा, मुहम्मद शाहबाज, निसार अहमद और मुहम्मद कौमी चौधरी है।
पीएम के यूपी दौैरे में भी रहा अलर्ट
आतंकी हमले के खतरे को देखते हुए खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों ने उन सातों आतंकवादियों की तलाश युद्धस्तर पर जारी रखी है। लेकिन इन पाकिस्तानी आतंकियों का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। इसके चलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तर प्रदेश में बुधवार के दौरे को भी अति सतर्कता की श्रेणी में रखा गया।
एलओसी पर सुरक्षा और कड़ी
सूत्रों का कहना है कि समूची नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सुरक्षा व्यवस्था अभेद्य कर दी गई है। पाकिस्तान से लगी सीमा पर सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है। पाकिस्तान लगातार नेपाल से लगी सीमा के जरिए आतंकवादियों की घुसपैठ कराने में जुटा हुआ है। इन आतंकियों को रहने-खाने की मदद से लेकर स्थानीय लोगों का समर्थन हासिल हो जाता है। इन आतंकियों के पास भारी तादाद में हथियार भी हैं। सूत्रों का कहना है कि यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि अयोध्या में किन-किन स्थानों पर आतंकी हमले हो सकते हैं। ध्यान रहे कि वर्ष 2005 में भी अयोध्या में आत्मघाती आतंकी हमला हो चुका है।
सुप्रीम कोर्ट ने नौ नवंबर को दिया था फैसला
विगत नौ नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राम मंदिर बनने के पक्ष में फैसला सुनाया था। इसमें कहा गया था कि हिंदुओं की सौ साल से भी पुरानी मांग को पूरा करते हुए रामजन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर बनेगा। फैसले में कहा गया था कि वर्ष 1992 में ढांचा ढहाए जाने के बाद अयोध्या में ही मस्जिद बनाने के लिए 500 एकड़ जमीन सरकार आवंटित करे।